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आधा अधूरा मोक्ष ! लकड़ियां खत्म, अधजले शवों को नोच रहे जानवर - कोरोना वायरस

मध्य प्रदेश के सागर में अंतिम संस्कार के लिए मोक्षधाम में जगह भी कम पड़ने लगी है. लकड़ियां भी खत्म हो रही हैं. लोग कह रहे हैं कि निगम कर्मचारी शवों को अधजला छोड़ रहे हैं. जिससे आस-पास रहने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

आधा अधूरा मोक्ष
आधा अधूरा मोक्ष

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Published : Apr 23, 2021, 1:52 AM IST

सागर : मध्य प्रदेश के सागर में बढ़ते कोरोना के कहर के चलते श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए जगह भी कम पड़ने लगी है. अंतिम संस्कार में लकड़ियों की कमी और लापरवाही के चलते श्मशान घाट के आस-पास रहने वाले लोग परेशान हो रहे हैं. लोगों का आरोप है कि कोरोना पॉजिटिव लोगों का अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारी अधजले शव छोड़कर जा रहे हैं. एक तो बदबू, ऊपर से कुत्ते इन शवों को नोच कर इधर-उधर फेंक रहे हैं.

'सुबह से आया हूं, पता नहीं कब डिस्पोज होगी डेड बॉडी'

'लकड़ियां खत्म, अधजले छोड़े शव'
सागर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते शहर के नरयावली नाका मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार का सिलसिला थम ही नहीं रहा है. इतने ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है कि श्मशान में लकड़ियां कम पड़ रही हैं. मृतकों के परिजनों को भी कई घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. अंतिम संस्कार में लड़कियों की कमी और लापरवाही के कारण कई बार अधूरा अंतिम संस्कार ही हो पाता है.

आसपास की कॉलोनी के लोग कर रहे हंगामा

श्मशान में जगह कम
हर दिन बढ़ रही मौतों के कारण श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ने लगी है. हालत यह हो गई है कि जहां जगह मिली वहीं अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इससे आस-पास रहने वाले लोग हंगामा करने लगे हैं. एक स्थानीय महिला ने बताया कि निगम के कर्मचारी कहीं भी अंतिम संस्कार कर रहे हैं. शवों का अधजला छोड़ रहे हैं. इससे कुत्ते शवों को खींचकर कॉलोनियों में लाकर नोच रहे हैं. पूरी कॉलोनी में बदबू फैल गई हैं. इससे बीमारी का खतरा भी बढ़ रहा है.

निगम कर्मचारियों का दावा, कोई परेशानी नहीं, ऑल इज वेल

अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग
कोरोना के कारण इतनी बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं कि अंतिम संस्कार के लिए भी लाइन लगानी पड़ रही है. कई बार तो पूरा दिन ही लग जाता है. अंतिम संस्कार करवाने आए एक युवक ने बताया कि सुबह 10 बजे से खड़े हैं. कब बॉडी डिस्पोज होगी, पता नहीं. इनके पास लकड़ियां भी कम हैं. शव पूरी तरह जलता नहीं, अधजले शवों के टुकड़े कुत्ते इधर-उधर घसीट रहे हैं. आसपास की कॉलोनी के लोग कह रहे हैं कि कहीं और करवाओ अंतिम संस्कार. इस पर हंगामा भी हो रहा है.

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