दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट: यूपीएससी के लिए चयनित उम्मीदवार को अपना कैडर चुनने का अधिकार नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि एक उम्मीदवार जिसका नाम यूपीएससी परीक्षा की मेरिट सूची में आता है, उसे अपना कैडर चुनने का अधिकार नहीं है क्योंकि वे अखिल भारतीय सेवा के लिए चुने जाते हैं.

sc-upsc-candidates-have-no-right-to-chose-cadre
sc-upsc-candidates-have-no-right-to-chose-cadre

By

Published : Oct 23, 2021, 2:23 PM IST

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि एक उम्मीदवार जिसका नाम यूपीएससी परीक्षा की मेरिट सूची में आता है, उसे अपना कैडर चुनने का अधिकार नहीं है क्योंकि वे अखिल भारतीय सेवा के लिए चुने जाते हैं. अदालत ने फैसला सुनाया, 'इस अदालत का लगातार विचार यह रहा है कि अगर उम्मीदवार का नाम मेरिट सूची में आता है, तो ऐसे उम्मीदवार को नियुक्ति का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है.'

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ केरल उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उसने सरकार से आईएएस अधिकारी ए शाइनामोल को केरल कैडर देने को कहा था. शाइनमोल ने दलील दी थी कि हिमाचल प्रदेश कैडर देने से पहले उनके गृह राज्य केरल से सलाह नहीं ली गई थी.

शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया कि एक राज्य के पास 'अपनी मर्जी और पसंद से कैडर के आवंटन का कोई अधिकार नहीं है' और हाईकोर्ट को पहले मामले में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए था.
अदालत ने कहा, 'आवेदक को हिमाचल प्रदेश के लिए आवंटित किया गया और उस राज्य में आवंटन के लिए हिमाचल प्रदेश से विधिवत सहमति दी गई थी. वास्तव में, केरल के साथ आवेदक के संबंध में कोई परामर्श करने की आवश्यकता नहीं थी. जिस राज्य में नियुक्ति की गयी उस राज्य से परामर्श की गयी, इस तरह कैडर नियमों का पालन किया गया.'
इसी तरह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के एक फैसले का जिक्र करते हुए, न्यायाधीशों ने कहा कि उम्मीदवार को आईएएस के रूप में अपनी नियुक्ति पर विचार करने का अधिकार है, लेकिन वह कैडर नहीं चुन सकता है और यह सेवा की घटना है.

ए.शैनमोल एक ओबीसी उम्मीदवार थी, लेकिन उसने जनरल कैटेगरी में क्वालीफाई किया और छूट का लाभ नहीं उठाया था. कोर्ट ने यह भी माना कि चूंकि उसने कोई छूट नहीं ली, इसलिए उसके साथ एक सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार जैसा व्यवहार किया जाना था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details