नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर बुधवार को फैसला सुनाएगा. आरोप है कि अडाणी समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी की गई है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 नवंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि शेयर बाजार नियामक सेबी को बदनाम करने का उसके पास कोई कारण नहीं है, जिसने अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच की थी. सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि बाजार नियामक ने जो किया है, उस पर संदेह के लिए उसके सामने कोई सामग्री नहीं है.
बता दें कि नवंबर में सुनवाई के दौरान अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह अडानी-हिंडनबर्ग मामले में अपनी जांच पूरी करने के लिए विस्तार की मांग नहीं करेगा. वहीं कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी ने मई में एक अंतरिम रिपोर्ट में कहा था कि उसने अडाणी की कंपनियों में हेरफेर का कोई स्पष्ट पैटर्न नहीं देखा गया है. इसके साथ ही कोई नियामक विफलता भी नहीं हुई है. हालांकि, इसने 2014 और 2019 के बीच सेबी द्वारा किए गए कई संशोधनों का हवाला दिया, जिसने नियामक की जांच करने की क्षमता को बाधित कर दिया.
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