नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे एवं मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 11 मार्च को सुनवाई करने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे.
चीफ जस्टिस एन वी रमणा के नेतृत्व वाली एक पीठ ने वकील प्रशांत भूषण की उस दलील पर गौर किया कि मामले के अन्य आरोपी आशीष मिश्रा को दी गई राहत का हवाला देते हुए जमानत के लिए अदालत का रुख कर रहे हैं.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मैं मामले को 11 मार्च के लिए सूचीबद्ध कर सकता हूं. अन्य न्यायाधीश भी मौजूद होने चाहिए. भूषण ने अदालत में दाखिल प्रतिवेदन में कहा कि उच्च न्यायालय ने मिश्रा को जमानत देते हुए कानून का पालन नहीं किया और उसके सबूतों से छेड़छाड़ करने सहित अन्य पहलुओं पर गौर नहीं किया. भूषण ने कहा कि अन्य आरोपी भी इस फैसले का हवाला देकर अब जमानत मांग रहे हैं. उन्होंने उच्च न्यायालय को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि वह फिलहाल अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई ना करे.