नई दिल्ली : झूठी शान के लिए दामाद की हत्या करने की आरोपी महिला को मिली जमानत को रद्द करने का अनुरोध उसकी विधवा बेटी ने किया. बेटी ने इस संबंध में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में अर्जी दी है. शीर्ष अदालत 2017 के इस मामले में जमानत रद्द करने की अर्जी पर विचार करने को तैयार हो गई है.
गौरतलब है कि केरल के अमित नायर (Amit Nair) ने 2015 में जयपुर की रहने वाली ममता से अंतरजातीय विवाह किया था. ममता के माता-पिता और भाई इस विवाह के खिलाफ थे और 2017 में नायर की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने अनुरोध किया कि यह मामला जमानत रद्द करने योग्य है. गौरतलब है कि इसी पीठ ने इसी मामले में पहले ममता के भाई की जमानत भी रद्द की थी.
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि ममता (Mamta) की मां भागवानी देवी (Bhagwani Devi) ने अपने दामाद की हत्या में सक्रिय भूमिका निभाई और निचली अदालत ने उसे गलत तरीके से जमानत दी, इतना ही नहीं अदालत ने मामले में सह-आरोपी पिता को भी जमानत दे दी है.
पीठ ने कहा, 'नोटिस जारी करें.' पीठ ने कहा कि विधवा बेटी की ओर से दूसरी अर्जी दिए जाने पर वह पिता की जमानत रद्द करने पर अलग से विचार करेगी. शीर्ष अदालत ने मित्र और बहनोई नायर की हत्या का षड्यंत्र करने के आरोपी मुकेश चौधरी को राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत 12 जुलाई को रद्द कर दी थी.