दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कॉलेजियम से संबंधित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा था कि 14 सिफारिशें सरकार के पास लंबित हैं, जिन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इसने यह भी कहा था कि पांच नाम या तो दूसरी बार दोहराए जाने या अन्य कारण से काफी समय से लंबित हैं और इस मुद्दे पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. (Centre in clearing names recommended by collegium, collegium)

Etv Bharat
Etv Bharat

By PTI

Published : Nov 18, 2023, 12:48 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय सोमवार को दो याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है, जिसमें से एक याचिका न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों को मंजूरी देने में केंद्र की ओर से देरी के आरोप से संबंधित है. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगी. शीर्ष अदालत ने सात नवंबर को याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि उच्च न्यायपालिका में कॉलेजियम की अनुशंसा वाले न्यायाधीशों की नियुक्ति में केंद्र का चुनिंदा रवैया परेशानी पैदा करने वाला है.

इसने एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय में स्थानांतरण के लिए अनुशंसित नामों के लंबित रहने पर भी चिंता व्यक्त की थी. पीठ ने कहा था, 'स्थानांतरण मामलों का लंबित रहना बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि यह चुनिंदा तरीके से किया गया है. अटॉर्नी जनरल का कहना है कि यह मुद्दा उनके द्वारा सरकार के साथ उठाया जा रहा है.' उसने कहा था, 'पीठ ने कहा, '...हमें उम्मीद है कि ऐसी स्थिति नहीं आएगी जहां इस अदालत या कॉलेजियम को कोई ऐसा निर्णय लेना पड़े जो (सरकार को) पसंद न हो.'

शीर्ष अदालत ने कहा था कि 14 सिफारिशें सरकार के पास लंबित हैं, जिन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इसने यह भी कहा था कि पांच नाम या तो दूसरी बार दोहराए जाने या अन्य कारण से काफी समय से लंबित हैं और इस मुद्दे पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. पीठ ने अपने सात नवंबर के आदेश में कहा था, 'अटॉर्नी जनरल ने सरकार के साथ इस संबंध में सार्थक चर्चा के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया है.' कॉलेजियम प्रणाली के माध्यम से न्यायाधीशों की नियुक्ति अक्सर उच्चतम न्यायालय और केंद्र के बीच टकराव का एक प्रमुख मुद्दा बन गई है.

शीर्ष अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें अधिवक्ता संघ, बेंगलुरु द्वारा दायर एक याचिका भी शामिल है. इस याचिका में 2021 के फैसले में अदालत द्वारा निर्धारित समय-सीमा का पालन नहीं करने के लिए केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय के खिलाफ अवमानना ​​की कार्रवाई का अनुरोध किया गया है. एक याचिका में न्यायाधीशों की समय पर नियुक्ति की सुविधा के लिए शीर्ष अदालत द्वारा 20 अप्रैल, 2021 के आदेश में निर्धारित समय-सीमा की "जानबूझकर अवज्ञा" करने का आरोप लगाया गया है.

पढ़ें:SC ने महाराष्ट्र में उपभोक्ता मंचों के लिए चयन प्रक्रिया को रद्द करने के बॉम्बे HC के आदेश पर रोक बढ़ाई

उस आदेश में, अदालत ने कहा था कि यदि कॉलेजियम सर्वसम्मति से अपनी सिफारिशें दोहराता है तो केंद्र को तीन-चार सप्ताह के भीतर न्यायाधीशों की नियुक्ति करनी चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details