नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने बुधवार को एक गैर सरकारी संगठन (NGO) के अध्यक्ष को 25 लाख रुपये की राशि जमा नहीं करने के मामले में अवमानना का दोषी ठहराया है. कोर्ट ने कहा है कि अदालत उन्हें दुर्व्यवहार करने की अनुमति नहीं देगी.
अदालत ने कहा, 'आपको लगता है कि हर किसी को धमकाकर, चाहे यह बेंच हो, सरकार हो, या अन्य लोगों को धमकी देकर, आप लोगों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर सकते हैं. आपने ऐसा कहा है, आप चाहते हैं कि लोग आपके गलत व्यवहार करने से पीछे हट जांए. शीर्ष अदालत ने कहा कि हम आपको दुर्व्यवहार करने की अनुमति देने को तैयार नहीं हैं.
जस्टिस एसके कौल (Justices S K Kaul ) और जस्टिस एमएम सुंदरेश (M M Sundresh) की पीठ ने यह टिप्पणी की, जिसने सूराज इंडिया ट्रस्ट (Suraz India Trust) के अध्यक्ष राजीव दैया (Rajiv Daiya) की सजा को अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दिया.
हालांकि, बेंच ने कहा,' हमने आपके प्रति दयालु होने की कोशिश की, लेकिन आप ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जो इस दया को बहुत अच्छी तरह समझें, यही पूरी कठिनाई है. दैया ने शुरू में कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत के आदेश की गलत व्याख्या की है.