दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

IPS संजय कुंडू को हिमाचल डीजीपी के पद से हटाने वाले हाइकोर्ट के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक - Supreme Court

SC stays Himachal Pradesh HC order Shifting DGP Sanjay Kundu : हिमाचल के पूर्व डीजीपी संजय कुंडू को मौजूदा पोस्टिंग से हटाने वाले हाइकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. हाइकोर्ट के निर्देश के बाद संजय कुंडू उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे जहां से उन्हें 'सुप्रीम' राहत मिली है. पढ़ें पूरा मामला

संजय कुंडू को राहत
संजय कुंडू को राहत

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 3, 2024, 2:38 PM IST

Updated : Jan 3, 2024, 7:11 PM IST

नई दिल्ली: हिमाचल के पूर्व डीजीपी संजय कुंडू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. देश की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को संजय कुंडू को डीजीपी पद से हटाने के हिमाचल हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट ने एक कारोबारी की शिकायत पर सुनवाई करते हुए डीजीपी और कांगड़ा जिले के एसपी को मौजूदा पोस्टिंग से हटाने के निर्देश दिए थे. कांगड़ा जिले के पालमपुर के रहने वाले कारोबारी निशांत शर्मा की जान को खतरा होने की शिकायत के मामले में जांच प्रभावित ना हो, इसलिये हाइकोर्ट ने ये निर्देश दिए थे. जिसके खिलाफ संजय कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

गौरतलब है कि 26 दिसंबर 2023 को मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने डीजीपी को मौजूदा पोस्टिंग से हटाने के निर्देश दिए थे. इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार 4 जनवरी को होनी है. उधर हाइकोर्ट के निर्देश के बाद हिमाचल सरकार ने संजय कुंडू को आयुष विभाग का प्रिंसिपल सेक्रेटरी बना दिया और 2 जनवरी को बकायदा इसकी नोटिफिकेशन भी जारी कर दी. 2 जनवरी को ही सरकार ने आईपीएस सतवंत अटवाल को डीजीपी की जिम्मेदारी सौंप दी है और इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के निर्देश पर रोक लगा दी है.

बुधवार को मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुंडू को हिमाचल हाईकोर्ट में आदेश वापस लेने की अर्जी दायर करने को कहा है. सर्वोच्च अदालत ने ये भी कहा कि हिमाचल हाईकोर्ट इस अर्जी पर दो हफ्ते में फैसला करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में मामला लंबित रहते समय डीजीपी को आयुष विभाग में प्रधान सचिव की पोस्टिंग के लिए बाध्य ना किया जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी पूछा है कि अगर इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश देते हैं तो आरोपी एसपी का तबादला तो किया जा सकता है, लेकिन डीजीपी का ट्रांसफर क्यों किया जाए, जबकि वो सीधे-सीधे आरोपी भी नहीं हैं.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने कहा कि आयुष विभाग के प्रधान सचिव के रूप में संजय कुंडू की पोस्टिंग को फिलहाल प्रभावी नहीं किया जाना चाहिए. पीठ ने कहा कि हाइकोर्ट इस मामले की सुनवाई कल करेगा और मुख्य शिकायत यह है कि हाइकोर्ट ने डीजीपी को सुने बिना या उन्हें पक्षकार बनाये बिना ही उनके तबादले का आदेश दिया है.

पीठ ने कहा कि "हम आदेश और निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता को आदेश वापस लेने के आवेदन के साथ कल मामले की सुवाई के दौरान हाइकोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी गई है. हम उच्च न्यायालय से 2 सप्ताह के भीतर रिकॉल आवेदन का निपटारा करने का अनुरोध करते हैं. जब तक रिकॉल आवेदन का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक हिमाचल प्रदेश के डीजीपी के पद से स्थानांतरण का निर्देश देने वाले हाइकोर्ट के आदेश पर रोक रहेगी "

संजय कुंडू की तरफ़ से मुकुल रोहतगी ने पैरवी करते हुए कहा कि उनकी सेवाकाल के तीन महीने बचे हैं. याचिकाकर्ता निशांत का कहना था कि उन्होंने यानी कुंडू ने गुड़गांव में भी प्राथमिकी दर्ज नहीं होने दी. इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि वो देश के डीजीपी नहीं हैं. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 26 दिसम्बर 2023 को राज्य के डीजीपी संजय कुंडू को वर्तमान पोस्टिंग से हटाए जाने के आदेश दिए थे. इसके खिलाफ दायर कुंडू की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. हाईकोर्ट ने कांगड़ा के पालमपुर के कारोबारी निशांत से जुड़े मामले में संजय कुंडू और SP कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री को उनकी वर्तमान पोस्टिंग से हटाने के निर्देश दिए थे.

ये भी पढ़ें:डीजीपी संजय कुंडू को हटाया नहीं बल्कि प्रमोशन दिया है: सीएम सुखविंदर सुक्खू

Last Updated : Jan 3, 2024, 7:11 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details