नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव केशव चंद्रा और उपराज्यपाल डीके जोशी को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की पोर्ट ब्लेयर सर्किट बेंच के आदेश पर रोक लगा दी. कलकत्ता उच्च न्यायालय की पोर्ट ब्लेयर सर्किट बेंच ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रशासन के मुख्य सचिव केशव चंद्रा को निलंबित कर दिया था. इसके साथ ही उपराज्यपाल डी.के. जोशी को अदालत के निर्देशों को लागू नहीं करने के लिए अपनी निधि से 5 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था.
भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने शुक्रवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष तत्काल आदेश की मांग करते हुए मामले का उल्लेख किया. आज सुनवाई के दौरान जब एजी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अवमानना क्षेत्राधिकार का प्रयोग करते हुए मुख्य सचिव को निलंबित कर दिया तो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने हल्के-फुल्के अंदाज में टिप्पणी की कि लगता है न्यायाधीशों को आपने कुछ ज्यादा ही नाराज कर दिया होगा. इसलिए ऐसी सजा मिली.
एजी ने पीठ को समझाया कि यह आदेश दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण से संबंधित था. पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे. कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई अगले शुक्रवार यानी 11 अगस्त को होगी.
सीजेआई ने आदेश पारित करने के बाद हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि इसे पाने के लिए आपने जज को बहुत परेशान किया होगा. सीजेआई ने कहा कि मुख्य सचिव के निलंबन का आदेश और एलजी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना 'थोड़ा ज्यादा' है.