नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गुजरात सरकार की 8 जुलाई, 2021 की अधिसूचना पर रोक लगा दी, जिसमें उसने कोविड 19 महामारी को देखते हुए अस्पतालों को मार्च, 2022 तक भवन उपयोग (बीयू) और अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र के बिना चलाने की अनुमति दी थी.
अदालत ने मुताबिक लोगों को महामारी से बचाने के प्रयास में हम लोगों को आग से मार रहे हैं. अदालत ने कहा कि यह राज्यों का दायित्व है कि मरीजों की देखभाल करे. सभी सरकारों ने स्थानों को अस्पतालों में बदल दिया. इसका कोई औचित्य नहीं है कि हम लोगों की सुरक्षा को जोखिम में डालें. जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम लोगों को महामारी से बचाने के बजाय आग से लोगों को मार रहे हैं. अगर 2 कमरे की जगह को अस्पताल में तब्दील किया जाता है, तो आपको अनुमति लेनी होगी. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम सब कुछ नहीं कर सकते लेकिन जो हमारी पहुंच में है, हमें करना चाहिए.