नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य को नोटिस जारी किया है और इस पर जवाब मांगा है कि क्या 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के अभियुक्तों की समयपूर्व रिहाई के मामले पर विचार करने के लिए उनकी कोई नीति है या नहीं. सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें याचिकाकर्ता 80 साल का है और रिहा होना चाहता है.
कोर्ट ने कहा, यह घटना वर्ष 1985 की है और उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2019 में अंतिम आदेश पारित किया गया था. कोर्ट ने अपनी निर्देशिका को उत्तर प्रदेश राज्य में सेवा के तुरंत बाद मामले को सूचीबद्ध करने के लिए कहा.