नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूरे देश में आसानी से उपलब्ध होने वाले हथियारों को गंभीर मामला बताचा है. इसी के मद्देनजर कोर्ट ने गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया और पिछले कुछ वर्षों में बिना लाइसेंस वाली आग्नेयास्त्रों की समस्या से निपटने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों और उनकी संख्या पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी है. साथ ही कोर्ट ने डीजीपी से मामले में हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
कोर्ट ने गृह मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार को भी आर्म्स एक्ट लागू करने और कानून को मजबूत करने के लिए सुझाव देने के संबंध में नोटिस जारी किया है. मामले पर अब कोर्ट के द्वारा तीन सप्ताह बाद फिर से सुनवाई होगी. इस दौरान हलफनामा दाखिल कराया जा सकेगा. बता दें कि जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच उत्तर प्रदेश में बिना लाइसेंस के आग्नेयास्त्रों के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रही थी. इसी क्रम में अन्य राज्यों को भी शामिल करने के लिए स्वत: संज्ञान का विस्तार किया गया है. फरवरी, 2023 में, कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य में बिना लाइसेंस वाले आग्नेयास्त्रों का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि यह प्रवृत्ति परेशान करने वाली है और भारत में किसी को भी तब तक आग्नेयास्त्र ले जाने की अनुमति नहीं है जब तक कि वे अधिकृत न हों. अदालत ने कहा था कि अमेरिका के विपरीत जहां आग्नेयास्त्र रखने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, भारतीय नागरिकों को ऐसा कोई अधिकार नहीं दिया गया है.