नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बेघरों के लिए 3 सप्ताह के भीतर आश्रय गृहों के मुद्दे पर जवाब मांगा. वहीं, न्यायालट ने कहा कि प्रतिक्रियाओं के अवलोकन के बाद यह तय करेगा कि वह इस मामले से निपटना चाहता है या इसे हाई कोर्ट को ट्रांसफर करेगा. सीजेआई यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ बेघरों को पर्याप्त आश्रय गृह उपलब्ध कराने के मामले की सुनवाई कर रही थी.
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा,'मैं निराशावादी नहीं बल्कि देश की आबादी को देख रहा हूँ, भले ही शून्य लोग बचे हों, हमेशा कुछ ऐसे होंगे जो किसी न किसी बिंदु पर छूट गये हैं... जनसंख्या ऐसी है. पूरे मामले को राज्य, तालुका या जिले स्तर पर मैनेज करना कठिन है. हम किस स्तर तक मैनेज कर सकते हैं?' सीजेआई ने सुझाव दिया कि उच्च न्यायालयों के लिए इस मामले को देखना बेहतर होगा, लेकिन याचिकाकर्ताओं की ओर से मामले में पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप से समस्या को उजागर किया गया है जो हाईकोर्ट स्तर पर मुश्किल होगा.