नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केरल के कासरगोड जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को जहरीले कीटनाशक एंडोसल्फान के पीड़ितों (endosulfan victims in kerala) को जिले से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों तक प्रदान की जाने वाली चिकित्सा और उपशामक देखभाल सुविधाओं की पड़ताल करने तथा छह सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. वर्ष 2011 तक काजू, कपास, चाय और फलों जैसी फसलों पर एंडोसल्फान कीटनाशक का व्यापक रूप से उपयोग किया गया था, जिसके बाद मनुष्यों पर इसके दुष्प्रभाव की कई रिपोर्ट के कारण इसके उत्पादन और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने गुरुवार को कहा कि इस कवायद से कासरगोड जिले में एंडोसल्फान के पीड़ितों को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं का वस्तुपरक मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी. पीठ ने कहा, इस न्यायालय को जिला अस्पतालों, सामान्य अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों सहित विभिन्न स्तरों पर कासरगोड के एंडोसल्फान प्रभावित क्षेत्रों के लिए उपलब्ध चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं का वस्तुपरक मूल्यांकन करने में सक्षम बनाने के वास्ते हम कासरगोड स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को इससे जुड़ी रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश करने का निर्देश देते हैं.'
आदेश में कहा गया है कि डीएलएसए के सचिव मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं और उपशामक देखभाल एवं फिजियोथेरेपी से संबंधित सुविधा केंद्रों का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. न्यायालय ने राज्य और रजिस्ट्रार (न्यायिक) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता को इस आदेश की एक प्रति डीएलएसए सचिव को भेजने के लिए कहा. पीठ ने कहा कि रिपोर्ट छह सप्ताह की अवधि के भीतर पेश की जाएगी. इसके साथ ही इसने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की.