नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना टीकाकरण को लेकर कहा है कि पंजीकरण कराने के लिए टोल फ्री नंबर की कोई जरूरत नहीं है. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि विभूति भूषण मिश्रा द्वारा दाखिल जनहित याचिका में की गई प्रार्थना व्यर्थ हो गई है. निजी तौर पर पेश हुए मिश्रा से पीठ ने कहा, 'आपकी याचिका मई के महीने में दाखिल की गई थी जिसमें कोविड-19 टीकाकरण पंजीकरण के लिए एक टोल-फ्री नंबर स्थापित करने का अनुरोध किया गया था.
शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिका दाखिल किए जाने के समय से अब तब काफी प्रगति हुई है और हमारे एक जून के आदेश के बाद सरकार ने टीकाकरण के लिए 'वॉक-इन सुविधा' शुरू की. अब जो लोग पंजीकृत नहीं भी हैं वे इन केंद्रों पर जाकर अपना पंजीकरण कराकर टीका ले सकते हैं. याचिका में की गई प्रार्थना निष्फल हो गई है.'
मंगलवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि एक टोल-फ्री नंबर की व्यवस्था होनी चाहिए जिसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पंजीकरण में आने वाली कठिनाई दूर होगी. पीठ ने कहा कि जो लोग कोविन पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं, वे टीकाकरण केंद्रों पर जा सकते हैं और अपना पंजीकरण करा सकते हैं तथा टीके की खुराक ले सकते हैं.