नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए 3,500 करोड़ रुपये के बाइक-बोट घोटाले में उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में 118 प्राथमिकी को एक प्राथमिकी में विलय कर लिया है. जस्टिस ए.एम. खानविलकर, अभय एस. ओका और जेबी पारदीवाला ने कहा, "हम, भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रार्थना खंड (बी) के संदर्भ में दावा की गई राहत को स्वीकार करते हैं - जिसमें सभी प्राथमिकी को एक में विलय करना शामिल है. इसमें मुख्य प्राथमिक के रूप में प्राथमिकी संख्या 353/2015 के साथ नई दिल्ली में पंजीकृत है और कानून के अनुसार कार्यवाही शामिल है, क्योंकि हमारी राय है कि कार्यवाही की बहुलता व्यापक जनहित में भी नहीं है."
शीर्ष अदालत ने टीवी पत्रकार अमीश देवगन के मामले में दिए गए अपने फैसले पर भरोसा किया और अनुच्छेद 142 के तहत अपनी व्यापक शक्ति का प्रयोग किया, जो इसे न्याय सुनिश्चित करने के लिए कोई भी आदेश पारित करने, बाइक बोट और ग्रैंड वेनिस मॉल घोटालों में कई प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार देता है.
पीठ ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में 118 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. हालांकि, 6 जुलाई, 2019 को एक प्राथमिकी आर्थिक अपराध शाखा, नई दिल्ली में दर्ज की गई है. इसमें कहा गया है, "हमें यह जोड़ना जल्दबाजी होगी कि दिल्ली की एनसीटी सरकार को इस प्राथमिकी को मुख्य प्राथमिकी के साथ जोड़ने में कोई आपत्ति नहीं है."