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SC ban on firecrackers: पटाखों पर प्रतिबंध जारी रहेगा, SC में बेरियम युक्त पटाखों के निर्माण की अनुमति संबंधी याचिकाएं खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की लड़ियों और बेरियम युक्त पटाखों के निर्माण एवं बिक्री की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दीं.

SC says 2018 ban on firecrackers continue rejects firecracker assos plea to use Barium and joined crackers
SC का आदेश, पटाखों पर प्रतिबंध जारी रहेगा

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 22, 2023, 12:29 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि पटाखों पर 2018 का प्रतिबंध जारी रहेगा और दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों पर भी प्रतिबंध जारी रहेगा. न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने हरित पटाखों में बेहतर फॉर्मूलेशन के साथ बेरियम को शामिल करने के लिए पटाखा संघ द्वारा दायर आवेदन को खारिज कर दिया.

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि पटाखों में बेरियम के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले उसके द्वारा पारित पहले के आदेश जारी रहेंगे. संयुक्त पटाखों के उपयोग पर एसोसिएशन के एक अन्य आवेदन पर विचार करने से भी इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि देश भर के सभी अधिकारियों को प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया जाता है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों सहित पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध जारी रहेगा और अन्य राज्यों में ग्रीन पटाखों की अनुमति दी जाएगी. विस्तृत निर्णय आज दिन में अपलोड किया जाएगा. 14 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि प्रतिबंध के बावजूद लोग पटाखे कैसे फोड़ रहे हैं और इस बात पर जोर दिया कि पटाखे फोड़ने वालों के खिलाफ मामला समाधान नहीं है, बल्कि स्रोत का पता लगाएं और कार्रवाई करें.

पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी से कहा, 'जब सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया जाता है तो इसका मतलब पूर्ण प्रतिबंध होता है. बैन पटाखों के लिए है. हम हरे या काले का फर्क नहीं समझते.' पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि दिल्ली पुलिस द्वारा कोई अस्थायी लाइसेंस नहीं दिया जाए, क्योंकि यदि किसी भी प्रकार का लाइसेंस दिया जाता है तो यह अदालत के आदेशों का उल्लंघन होगा.

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भाटी ने शीर्ष अदालत के समक्ष केंद्र और दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व किया. सुनवाई के दौरान पीठ ने एएसजी से कहा कि पटाखे फोड़ने वाले व्यक्तियों के खिलाफ मामले समाधान नहीं हो सकते हैं और आपको इसका स्रोत ढूंढना होगा और कार्रवाई करनी होगी. न्यायमूर्ति सुंदरेश ने कहा कि सरकार को इसे शुरू से ही खत्म करने की जरूरत है, लोगों द्वारा पटाखे जलाने के बाद कार्रवाई करने का कोई मतलब नहीं है.

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