नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सोमवार को हैदरपोरा एनकाउंटर के मृतक के परिजनों द्वारा दायर याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें दफन स्थल पर इस्लामिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार करने की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति सूर्यकांत (Justice SuryaKant) और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) की पीठ ने मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष कहा कि सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है और वह सिर्फ यह चाहता है कि शव से बेटे का अंतिम संस्कार किया जा सके.
वहीं याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने तर्क दिया कि मृतक को धोने के बाद उसकी बाद लाश को ढक दिया जाता है, तब चेहरा दिखाई देता है और परिवार चेहरे को चूमता है. उन्होंने कहा कि उन लोगों ने सामुदायिक भागीदारी को छोड़ दिया है ताकि सुरक्षा को कोई खतरा न हो लेकिन फिर भी इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है. ग्रोवर ने तर्क दिया कि दुर्भाग्य से एक बार जब आपको आतंकवादी करार दिया जाता है, तो परिवार को भी निशाना बनाया जाता है.