नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने चार साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद की गई हत्या के दोषी को दी गई मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने वाले अपने फैसले पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति यू.यू.ललित, न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने इस मामले में पीड़िता की मां और भारतीय स्त्री शक्ति की ओर से दायर अर्जी खारिज कर दी.
पीठ ने कहा कि दोषी की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील करने का फैसला सोच समझकर और प्रांसगिक तथ्यों के आधार पर लिया गया है. पीठ ने कहा कि उसने शीर्ष अदालत के ऐतिहासिक फैसले पर विचार किया और निष्कर्ष निकाला कि यह भारतीय दंड संहिता की धारा-302 के तहत मौत की सजा देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है.