नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत ने कोविड-19 के चलते कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा रद्द होने पर राज्य बोर्डों को छात्रों से एकत्र परीक्षा शुल्क वापस करने की मांग करने वाली याचिका पर निर्देश देने से इनकार कर दिया है.
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि यह मुद्दा विचार करने लायक नहीं है. पीठ ने प्रारंभिक कार्य के लिए खर्च की गई राशि को वापस करने में असमर्थता के बारे में राज्य बोर्डों द्वारा उठाए गए स्टैंड और परीक्षा आयोजित करने के लिए अंतिम समय में रद्द की गई तार्किक व्यवस्था करने को मंजूरी दी.
पढ़ें:वैक्सीन ट्रायल का डेटा सार्वजनिक करने की मांग, SC ने केंद्र को जारी किया नोटिस
पीठ ने कहा कि प्रारंभिक कार्य के लिए खर्च की गई राशि को वापस करने में असमर्थता के बारे में हलफनामे पर बोर्डों द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण और अंतिम समय में रद्द की जाने वाली परीक्षा आयोजित करने के लिए की गई व्यवस्था की हम सराहना करते हैं. कोर्ट ने कहा कि इसलिए याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाया गया यह मुद्दा विचार के योग्य नहीं है. हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य बोर्ड को परीक्षा शुल्क की वापसी की मांग करने वाले एक याचिकाकर्ता द्वारा किए गए अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया था.