नई दिल्लीःकेंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रभात मर्डर केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए, इस मामले में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है. बता दें कि वर्ष 2000 में लखीमपुर खीरी में प्रभात गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी सहित चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा टेनी को बरी करने का फैसला बरकार रखा था. इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
राजीव गुप्ता की ओर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि वह हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट के फैसले पर हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं. इसके साथ ही शिकायतकर्ता याचिका खारिज कर दी. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रभात गुप्ता हत्याकांड में मई 2023 में अजय मिश्र टेनी को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा था। इसके बाद राजीव गुप्ता ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 में लखीमपुर खीरी में प्रभात गुप्ता की सरे बाजार गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रभात समाजवादी पार्टी की यूथ विंग के सदस्य थे, जबकि टेनी बीजेपी से जुड़े थे. एफआईआर में अजय मिश्र टेनी समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में 2004 में टेनी को बरी कर दिया था. ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ 2004 में ही राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी. मामले में 21 फरवरी को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा था. 10 नवंबर 2022 को भी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था, लेकिन सुनवाई करने वाली बेंच ने कुछ बिंदुओं को और स्पष्ट करने के लिए दोबारा सुनवाई की थी. इस मामले में सरकार की तरफ से दलील दी गई कि पंचायत चुनाव को लेकर टेनी का छात्र नेता प्रभात से विवाद चल रहा था. बाद में हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दिए टेनी को बरी करने का फैसला बरकार रखा था.
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