नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर को होने वाले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनावों पर रोक लगाने से इनकार करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि तीन दिनों में चुनाव होने वाले हैं इसलिए याचिका निष्फल है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने नौ नवबंर को एमसीडी के आगामी चुनावों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की डिविजन बेंच ने कहा कि एक बार राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की ओर से चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है, तो अदालत उस पर रोक नहीं लगा सकती. राज्य चुनाव आयोग ने एमसीडी के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा था कि शहर के 250 निगम वॉर्डों के लिए मतदान 4 दिसंबर को होगा और नतीजे 7 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.
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इस दिन वॉर्डों के परिसीमन और उनके आरक्षण को चुनौती देने वाली तीन याचिकाएं हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए लगी थीं. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा कि उनकी याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक चुनाव पर रोक लगाने का अनुरोध किया. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वह ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करेगा. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का साफ आदेश है कि एक बार चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद उस पर रोक नहीं लगाई जा सकती है.
कोर्ट ने याचिकाओं पर राज्य चुनाव आयोग, केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और उन्हें 15 दिसंबर को सुनवाई के लिए लगा दिया. उस दिन परिसीमन को चुनौती देने वाली एक अन्य याचिका कोर्ट में सुनवाई के लिए लगी है, जो एक कांग्रेस नेता की है. कांग्रेस नेता अनिल कुमार की याचिका में तर्क दिया गया है कि चुनावों के लिए वॉर्डों का विभाजन समुदाय और धार्मिक आधार पर किया गया, जिससे संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ.
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नौ नवबंर को जैसे ही तीनों याचिकाएं सुनवाई के लिए आई, याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि इन पर सुनवाई होने तक चुनाव पर रोक लगा दी जाए. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वह ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करेगा. चारों याचिकाओं में परिसीमन को असंवैधानिक बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है. इनमे से एक याचिका संजय गुप्ता की है, जिसे एडवोकेट महेश कुमार शर्मा के जरिए से दायर किया गया है. उन्होंने सीट रिजर्वेशन से जुड़े आदेश को खासतौर पर चुनौती दी है और कोर्ट से उस आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है.