नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने 6000 से अधिक गैर सरकारी संगठनों (NGO) को राहत देने से इनकार कर दिया है. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को एफसीआरए लाइसेंस जारी रखने की अनुमति देने के लिए अंतरिम राहत की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कट-ऑफ तारीख के भीतर आवेदन करने वाले 11,594 गैर सरकारी संगठनों के एफसीआरए पंजीकरण बढ़ा दिए गए हैं. बता दें, विदेशी योगदान नियमन अधिनियम (FCRA) के तहत 6000 से अधिक गैर सरकारी संगठनों के लाइसेंस की समाप्ति को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कट-ऑफ तिथि के भीतर आवेदन करने वाले 11,594 एनजीओ का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण पहले ही बढ़ा दिया गया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलील पर गौर करते हुए न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने इस संबंध में कोई अंतरिम निर्देश पारित करने से इनकार किया कि सभी संगठनों का एफसीआरए पंजीकरण जो पिछले साल 30 सितंबर तक वैध था, उसे अगले आदेश तक जारी रखा जाना चाहिए.
विदेशी कोष प्राप्त करने के लिए किसी भी संगठन और एनजीओ के लिए एफसीआरए पंजीकरण अनिवार्य है. मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि 11,594 एनजीओ ने कट-ऑफ तिथि के भीतर आवेदन किया था और उनके पंजीकरण को फिलहाल के लिए बढ़ा दिया गया है. शीर्ष अदालत अमेरिका आधारित एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें केंद्र के उस कथित फैसले को रद्द करने का आग्रह किया गया है जिसके चलते 5,789 संस्थाओं ने एफसीआरए पंजीकरण गंवा दिया.