नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हॉकी को राष्ट्रीय खेल घोषित करने की मांग वाली एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की पीठ ने याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी (petitioner Vishal Tiwari) से कहा कि 'आपका उद्देश्य अच्छा हो सकता है लेकिन इस मामले में हम कुछ नहीं कर सकते.'
कोर्ट ने कहा, 'लोगों के भीतर एक अभियान होना चाहिए. मैरी कॉम (Mary Kom) जैसे लोग प्रतिकूलताओं से ऊपर उठे हैं. अदालत कुछ नहीं कर सकती.'
याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने अदालत के समक्ष दलील दी थी कि हमारे पास राष्ट्रीय पशु है लेकिन राष्ट्रीय खेल नहीं है. अपनी याचिका के माध्यम से उन्होंने कहा कि सरकार की पहल की कमी के कारण हॉकी एक प्रमुख खेल नहीं रहा, 41 साल बाद ओलंपिक में जीत सका है. क्रिकेट के साथ खेल की तुलना करते हुए तिवारी ने तर्क दिया कि क्रिकेट में कुछ प्रतिभाशाली लोग और कॉर्पोरेट जगत की वजह से तरक्की हुई है, लेकिन हॉकी के मामले में ऐसा नहीं है क्योंकि इसे सरकार से भी कोई समर्थन नहीं है.