नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सह प्रबंध निदेशक (MD) चंदा कोचर ( Chanda Kochhar) और उनके व्यवसायी पति दीपक कोचर को इस साल जनवरी में दी गई दो सप्ताह की अंतरिम जमानत को बार-बार बढ़ाने पर आपत्ति नहीं जताने पर मंगलवार को सीबीआई से सवाल किया.
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा कि जांच एजेंसी ने 9 जनवरी को बंबई उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें दी गई अंतरिम जमानत के बार-बार विस्तार का विरोध क्यों नहीं किया.
पीठ ने कहा, 'यह आदेश 9 जनवरी का है और अंतरिम जमानत सिर्फ दो हफ्ते के लिए दी गई थी. आपने विरोध क्यों नहीं किया? आप इसे इतनी लंबी अवधि तक जारी रखने की अनुमति क्यों दे रहे हैं? हमारे अनुसार, यह याचिका निरर्थक हो गई है क्योंकि उक्त आदेश केवल दो सप्ताह के लिए था. आपको वहां (उच्च न्यायालय में) आपत्ति दर्ज करनी चाहिए थी.'