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कोरोना राहत की रकम मामले में जवाब न दाखिल करने पर आंध्र सरकार को फटकार

आंध्र प्रदेश में कोरोना राहत के लिए मिली रकम को दूसरी मद में खर्च करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चिंता जताई है. शीर्ष कोर्ट ने 13 मई तक सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

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Published : Apr 28, 2022, 5:05 PM IST

नई दिल्ली :न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरथ की पीठ कोविड 19 के कारण मरने वालों के परिवारों को राज्यों द्वारा अनुग्रह राशि के रूप में 50,000 रुपये देने से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही है. पिछली सुनवाई में अदालत के संज्ञान में आया कि आंध्र प्रदेश में कोरोना राहत की रकम अन्य मद में खर्च की गई है, जिस पर पीठ ने चिंता जताई थी और जवाब मांगा था.

गुरुवार को आंध्र प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि हलफनामा दायर नहीं किया जा सकता क्योंकि वित्त सचिव के पिता की सर्जरी हो रही है, जिस कारण वह उपलब्ध नहीं हैं. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हलफनामा दायर करने के लिए कहा गया है कि कोई रकम डायवर्ट नहीं की गई है. इस पर जस्टिस शाह ने कहा कि सरकार मुख्य सचिव चलाते हैं न कि वित्त सचिव, इसलिए अदालत मुख्य सचिव का हलफनामा चाहती है. जस्टिस शाह ने कहा, 'सरकार इतनी भी कुशल नहीं है कि उसके पास जवाब हो? लेकिन कोई बहाना नहीं चलेगा, यह आसानी से उपलब्ध होना चाहिए.'

इस पर वकील ने तर्क दिया कि सरकार चाहती है कि रिपोर्ट जमा करने से पहले वित्त सचिव देख लें. इस पर जस्टिस शाह ने तल्ख लहजे में कहा कि 'उनका कार्यालय तो है ना? वह अपने कार्यालय के साथ नहीं गए हैं.' शीर्ष कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य हर हालत में 13 मई तक मुख्य सचिव के माध्यम से हलफनामा दाखिल कर दे, ये आखिरी अवसर है.

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