नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार और राज्य चुनाव आयोग को राज्य में स्थानीय निकायों की चुनाव प्रक्रिया के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है और अंतिम निपटान के लिए एक अलग विशेष पीठ का गठन किया जाएगा, जिसमें न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला शामिल होंगे.
शीर्ष अदालत महाराष्ट्र सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पहले के आदेश को वापस लेने की मांग की गई है. आदेश में राज्य चुनाव आयोग को 367 स्थानीय निकायों में ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने के लिए चुनाव प्रक्रिया को फिर से अधिसूचित नहीं करने का निर्देश दिया गया था. पीठ ने कहा, 'मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है. इसके मद्देनजर हम पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश देते हैं. मामले को पांच सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें.'
महाराष्ट्र सरकार ने 28 जुलाई के आदेश को वापस लेने या संशोधित करने की मांग की थी, और राज्य चुनाव आयोग को 367 स्थानीय निकायों में से 96 स्थानीय निकायों, यानी 92 नगरपालिका परिषदों और चार नगर पंचायतों के लिए चुनाव कराने का निर्देश भी दिया था.
शीर्ष अदालत ने 28 जुलाई को राज्य चुनाव आयोग को चेतावनी दी थी यदि ओबीसी को आरक्षण देने के लिए 367 स्थानीय निकायों के लिए चुनाव प्रक्रिया फिर से अधिसूचित करता है, जहां प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, तो उस पर अवमानना कार्रवाई की जाएगी.