दिल्ली

delhi

सम-विषम योजना पर SC ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार, कहा- कोर्ट पर बोझ ना डालें

By PTI

Published : Nov 10, 2023, 3:12 PM IST

Updated : Nov 10, 2023, 7:15 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण से संबंधित याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली सरकार के सम-विषम योजना का मुद्दा उठा. इस सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि योजना लाने का फैसला राज्य सरकार का होता है, इसमें अदालत का कोई लेना-देना नहीं. वहीं, पंजाब और दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने जोर दिया. उन्होंने कहा कि इन राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाना जरूरी है. साथ ही एनसीआर में प्रदूषण कम करने के प्रति भी समाधान निकालना होगा. SC on air pollution in Delhi, Delhi NCR Pollution, Farm fires in Punjab

Etv Bharat
Etv Bharat

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा कि वह खुद काम नहीं करे और अदालत पर बोझ डाल दे, इस प्रकार की कोशिश नहीं होनी चाहिए. साथ ही उसने यह स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में ‘सम-विषम’ कार योजना लाने का फैसला राज्य सरकार को करना है और न्यायालय इस पर कोई निर्देश जारी नहीं करेगा. दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बदतर होती वायु गुणवत्ता से संबंधित विषय की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सम-विषम योजना से न्यायालय का कोई लेना-देना नहीं है और इसने कभी नहीं कहा कि पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करने वाली टैक्सियों पर भी इसे लागू किया जाना चाहिए. दिल्ली सरकार ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि यह दिवाली के अगले दिन, 13 नवंबर से 20 नवंबर तक सम-विषम योजना लागू करेगी, जब वायु प्रदूषण के चरम पर रहने की संभावना है.

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के विषय पर सात नवंबर को सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने योजना के प्रभाव पर सवाल किया, जिसके बाद शहर के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के सुनवाई करने और एक आदेश जारी किये जाने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा. शीर्ष अदालत वायु प्रदूषण पर 1985 में पर्यावरणविद् एम सी मेहता द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही है और इसी मामले की सुनवाई के दौरान पराली जलाए जाने का मुद्दा उठा. शुक्रवार को, न्यायालय ने कहा कि इसने पिछली सुनवाई में सम-विषम का मुद्दा उठाया था, जिससे पहले एक न्यायमित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे एक अधिवक्ता ने कहा था कि सम-विषम योजना ने वायु प्रदूषण घटाने में मदद नहीं की.

दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से आने वाली टैक्सी को दिल्ली में प्रवेश करने देने की जरूरत है, अन्यथा आवागमन एक बड़ी समस्या बन जाएगी. दिल्ली में काम करने वाले लाखों लोग उत्तर प्रदेश के नोएडा और हरियाणा के गुरुग्राम जैसे शहरों में रहते हैं. न्यायमूर्ति कौल ने कहा, ‘‘मैं आपसे सहमत हूं. हमने कभी यह नहीं कहा. काम नहीं करने और अदालत पर बोझ डालने की कोशिश ना करें. यही हो रहा है.’’ पीठ ने कहा, ‘‘...न्याय मित्र ने कहा है कि इस सम-विषम योजना से फायदा नहीं हो रहा. इससे मदद नहीं मिली है. लेकिन आपने अब कहा है कि हम सम-विषम लागू करेंगे और टैक्सियों पर भी सम-विषम लागू करेंगे. क्या हमने आपसे टैक्सियों पर सम-विषम लागू करने को कहा है? हमने आपसे इसे लागू करने नहीं कहा है.’’

वकील ने दलील दी कि सम-विषम योजना प्रदूषण घटाने में ज्यादा कारगर नहीं रही है, लेकिन यदि थोड़ा भी प्रभावशाली है तो यह मायने रखती है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण के बड़े कारण, जैसा कि अध्ययनों में दावा किया गया है, सड़कों पर अत्यधिक वाहनों का होना है और सम-विषम से इन्हें घटाने में मदद मिलेगी. पीठ ने वकील से कहा, ‘‘आपको जो करना है, आप करें. हम यहां आपको यह कहने के लिए नहीं बैठे हैं कि आपको क्या करना है.’’

न्यायालय ने कहा, ‘‘आपको कल फैसला लेना होगा, आप कहेंगे कि हमने आपको (सम विषम योजना) जारी रखने को कहा है, (अथवा) जारी नहीं रखने को कहा है और परिणामस्वरूप इसलिए, प्रदूषण है कि उच्चतम न्यायालय ने आदेश जारी किया है.’’ दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि राज्य पूरी गंभीरता से स्थिति के समाधान के लिए तत्पर है और स्थिति सचमुच में खराब है. न्यायमूर्ति कौल ने कहा, ‘‘ हल्के फुल्के ढंग से कहा जाए तो आबादी के पास प्रार्थना करने के सिवाय करने को रह ही क्या जाता है.’’ उन्होंने कहा कि कभी-कभी बारिश होगी और उससे मदद मिलेगी. वह दिल्ली और एनसीआर में बीच बीच में हुई हल्की बारिश का हवाला दे रहे थे, जिससे आज वायु प्रदूषण में कमी आ गई है. दिल्ली सरकार ने 2016 में पहली बार ‘सम-विषम’ योजना लागू की थी, जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी में एक-एक दिन के अंतराल पर सम-विषम पंजीयन नंबर वाली कार के परिचालन की अनुमति दी जाती है.

पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगानी होगी : SC
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब और दिल्ली से सटे कुछ अन्य राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं रोकनी होंगी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए समाधान खोजना होगा. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु प्रदूषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदूषण से जुड़ी कई रिपोर्ट और समितियां हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हो रहा है. पीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय नतीजे देखना चाहता है. न्यायालय को बताया गया कि खेतो में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं.

पढ़ें :दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर SC सख्त, पंजाब सरकार को कहा- हर हाल में बंद हो पराली जलाना

Last Updated : Nov 10, 2023, 7:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details