नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा कि वह खुद काम नहीं करे और अदालत पर बोझ डाल दे, इस प्रकार की कोशिश नहीं होनी चाहिए. साथ ही उसने यह स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में ‘सम-विषम’ कार योजना लाने का फैसला राज्य सरकार को करना है और न्यायालय इस पर कोई निर्देश जारी नहीं करेगा. दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बदतर होती वायु गुणवत्ता से संबंधित विषय की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सम-विषम योजना से न्यायालय का कोई लेना-देना नहीं है और इसने कभी नहीं कहा कि पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करने वाली टैक्सियों पर भी इसे लागू किया जाना चाहिए. दिल्ली सरकार ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि यह दिवाली के अगले दिन, 13 नवंबर से 20 नवंबर तक सम-विषम योजना लागू करेगी, जब वायु प्रदूषण के चरम पर रहने की संभावना है.
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के विषय पर सात नवंबर को सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने योजना के प्रभाव पर सवाल किया, जिसके बाद शहर के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के सुनवाई करने और एक आदेश जारी किये जाने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा. शीर्ष अदालत वायु प्रदूषण पर 1985 में पर्यावरणविद् एम सी मेहता द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही है और इसी मामले की सुनवाई के दौरान पराली जलाए जाने का मुद्दा उठा. शुक्रवार को, न्यायालय ने कहा कि इसने पिछली सुनवाई में सम-विषम का मुद्दा उठाया था, जिससे पहले एक न्यायमित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे एक अधिवक्ता ने कहा था कि सम-विषम योजना ने वायु प्रदूषण घटाने में मदद नहीं की.
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से आने वाली टैक्सी को दिल्ली में प्रवेश करने देने की जरूरत है, अन्यथा आवागमन एक बड़ी समस्या बन जाएगी. दिल्ली में काम करने वाले लाखों लोग उत्तर प्रदेश के नोएडा और हरियाणा के गुरुग्राम जैसे शहरों में रहते हैं. न्यायमूर्ति कौल ने कहा, ‘‘मैं आपसे सहमत हूं. हमने कभी यह नहीं कहा. काम नहीं करने और अदालत पर बोझ डालने की कोशिश ना करें. यही हो रहा है.’’ पीठ ने कहा, ‘‘...न्याय मित्र ने कहा है कि इस सम-विषम योजना से फायदा नहीं हो रहा. इससे मदद नहीं मिली है. लेकिन आपने अब कहा है कि हम सम-विषम लागू करेंगे और टैक्सियों पर भी सम-विषम लागू करेंगे. क्या हमने आपसे टैक्सियों पर सम-विषम लागू करने को कहा है? हमने आपसे इसे लागू करने नहीं कहा है.’’