नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार के रूप में प्रशांत किशोर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है.
कोर्ट में दायर याचिका में इस बात का विरोध किया गया है कि राजनीतिक दलों के चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम करने वाले प्रशांत को पंजाब में सरकारी खजाने से वेतन-सुविधाएं दी जाएंगी.
पढ़ें- कोरोना संकट पर अब गुरुवार को होगी सुनवाई
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सीएम अमरिंदर सिंह के सलाहकार के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने के पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार समेत सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है.
बता दें कि कुछ दिनों पहले, इस याचिका को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि सीएम को अपने सलाहकार की इच्छा रखने का पूरा अधिकार है. फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
पढ़ें-चुनाव और कुंभ में कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन के आरोप, सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
इस केस में लभ सिंह और सतिंदर सिंह ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.इस याचिका में प्रशांत किशोर की प्रधान सलाहकार पद पर नियुक्ति को निरस्त करने की अपील की गई थी.
याचिका में ये भी कहा गया था कि किशोर की नियुक्ति मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार पद पर होगी. इस तरह उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद मिल जाएगा. उन्हें वेतन और अन्य सुविधाएं राज्य के खजाने से दिया जाएगा.