नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की खराब स्थिति, चिकित्सा कर्मियों की कमी, रोगियों के ज्यादा शुल्क वसूले जाने (OVERCHARGING) संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार (Central government) को नोटिस (notice) जारी किया है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (NV Ramana) की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान अदालत को सूचित किया गया कि 70% स्वास्थ्य देखभाल निजी हाथों में है.
याचिकाकर्ता जन स्वास्थ्य अभियान (Jan Swasthya Abhiyan) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने अदालत को बताया कि उन्होंने सरकार को एक अभ्यावेदन भी भेजा है लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई है. स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठानों और समान उपचार प्रोटोकॉल के लिए मानक दिशानिर्देश होने चाहिए. NHRC और स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक 'रोगी चार्टर' तैयार किया है जिसे लागू नहीं किया गया है.