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SC ने वंदे भारत के ठहराव से संबंधित याचिका खारिज की, कहा- क्या अब हम रेलवे स्टेशनों पर भी फैसला लें ? - रेलवे स्टेशनों पर एससी फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वंदे भारत के ठहराव से संबंधित याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया. अदालत ने वकील से कहा, "आप चाहते हैं कि हम ट्रेनों के रेलवे स्टॉप पर फैसला लें."

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Published : Jul 17, 2023, 6:20 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को वह जनहित याचिका खारिज कर दी, जिसमें केंद्र सरकार को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि वंदे भारत ट्रेन केरल के मलप्पुरम जिले के तिरूर रेलवे स्टेशन पर रोकी जाए. न्यायालय ने कहा कि यह मामला सरकार के नीतिगत क्षेत्र के तहत आता है. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने पी.टी. शीजीश की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. उन्होंने सवाल किया कि ट्रेन के ठहराव के फैसले में कोर्ट कैसे हस्तक्षेप कर सकती है.

पीठ ने कहा, "आप चाहते हैं कि वंदे भारत तिरूर में रुके और ये हम तय करें. हम उसे (सरकार को) निर्देश नहीं देंगे. यह कार्यपालिका के नीतिगत क्षेत्र के अंतर्गत आता है. याचिका खारिज की जाती है." वकील श्रीराम पी. के माध्यम से पीटी शिजिश द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने सवाल किया कि दिल्ली से मुंबई राजधानी के स्टेशनों पर फैसला कोर्ट लेगी? याचिकाकर्ता ने इस साल मई में दिए गए केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसने ऐसी अर्जी पर विचार करने से इनकार कर दिया. अदालत ने रेलवे अधिकारियों के समक्ष एक प्रतिवेदन के रूप में याचिका दायर करने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया.

बता दें कि तिरूर केरल के मलप्पुरम जिले का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है और दक्षिणी रेलवे के प्रशासनिक क्षेत्र के अंतर्गत आता है. वंदे भारत एक्सप्रेस भारतीय रेलवे द्वारा संचालित छोटी दूरी की ट्रेन सेवा है. केरल उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि ट्रेन का ठहराव भारतीय रेलवे द्वारा निर्धारित किया जाता है और किसी को भी किसी विशेष स्टेशन पर ट्रेन के रुकने की मांग करने का निहित अधिकार नहीं है.

शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि वंदे भारत के लिए भारतीय रेलवे द्वारा शुरू में घोषित ट्रेन स्टॉप के पहले कार्यक्रम के अनुसार, मलप्पुरम जिले में यात्रियों के लिए तिरूर रेलवे स्टेशन पर एक स्टॉप निर्धारित था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया था. याचिका में कहा गया है कि पलक्कड़ जिले के शोरनुर नामक एक अन्य रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत का ठहराव निर्धारित किया गया था, और बताया गया कि यह स्टॉप तिरूर से 56 किलोमीटर दूर था. याचिका में इस बात पर जोर दिया गया कि यह अर्जी सार्वजनिक हित को ध्यान में रखकर की जा रही है.

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