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सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस दिया - समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता

स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के तहत समलैंगिक विवाह (Same-Sex Marriage) को मान्यता देने की मांग करते हुए हैदराबाद में रहने वाले दो समलैंगिक पुरुषों की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जनहित याचिका दायर की गई है.

Etv Bharat SC issues notice to Centre on gay couple plea
Etv Bharat समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता

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Published : Nov 25, 2022, 1:05 PM IST

Updated : Nov 25, 2022, 1:25 PM IST

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) के तहत समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता (legal recognition of gay marriage) देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है. बता दें, स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के तहत समलैंगिक विवाह (Same-Sex Marriage) को मान्यता देने की मांग करते हुए हैदराबाद में रहने वाले दो समलैंगिक पुरुषों की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जनहित याचिका दायर की गई है.

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आज मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग करीब 10 साल से एक-दूसरे के साथ हैं. महामारी ने दोनों को नजदीक ला दिया. दूसरी लहर के दौरान वे दोनों COVID पॉजिटिव हुए. जब वे ठीक हुए, तो उन्होंने अपने सभी प्रियजनों के साथ अपने रिश्ते का जश्न मनाने के लिए अपनी 9वीं सालगिरह पर शादी-सह-प्रतिबद्धता समारोह आयोजित करने का फैसला किया. उनका दिसंबर 2021 में एक प्रतिबद्धता समारोह था. जहां उनके रिश्ते को उनके माता-पिता, परिवार और दोस्तों ने आशीर्वाद दिया.

याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक जोड़ों के अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने के अधिकार की रक्षा की है. समलैंगिक विवाह इस संवैधानिक यात्रा की निरंतरता है. नवतेज सिंह जौहर और पुट्टास्वामी मामलों में, सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि एलजीबीटीक्यू+ व्यक्तियों को संविधान द्वारा गारंटीकृत समानता, गरिमा और निजता के अधिकार का अधिकार अन्य सभी नागरिकों के समान है.

Last Updated : Nov 25, 2022, 1:25 PM IST

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