नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस याचिका पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय से जवाब मांगा. जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य शिवसेना विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र फैसला करने का निर्देश देने की मांग की गई है. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक सुनील प्रभु की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया.
सुनील प्रभु ने अविभाजित शिव सेना के मुख्य सचेतक के रूप में 2022 में शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी. पीठ में न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे. पीठ ने कहा कि हम नोटिस जारी करके दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहेंगे. याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्पीकर राहुल नार्वेकर शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले के बावजूद जानबूझकर फैसले में देरी कर रहे हैं.
याचिका में प्रभु ने कहा कि स्पीकर महाराष्ट्र विधानसभा के दोषी सदस्यों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने में विफल रहे हैं. याचिका में कहा गया कि प्रतिवादी वर्तमान मौजूदा अध्यक्ष ने अपनी निष्क्रियता से स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की है. वह दसवीं अनुसूची के तहत एक निष्पक्ष न्यायाधिकरण के रूप में कार्य करने में असमर्थ रहे हैं. जैसा कि कानून में अपेक्षित है.