नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को तीसरी बार सेवा विस्तार दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र और अन्य से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की पीठ ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा दायर याचिका पर भारत संघ, केंद्रीय सतर्कता आयोग और ईडी निदेशक को नोटिस जारी किया. पीठ ने कहा, 'नोटिस जारी किया जाए, जिसका छह सप्ताह में जवाब दिया जाए.'
याचिका में केंद्र सरकार पर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन एजेंसियों का दुरुपयोग कर लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है. अधिवक्ता वरुण ठाकुर और शशांक रत्नू के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, 'प्रतिवादी संख्या-2 (मिश्रा) के कार्यकाल का विवादित विस्तार हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट कर रहा है, इसलिए याचिकाकर्ता द्वारा वर्तमान रिट याचिका दायर की गई है, जिसे कृपया न्याय के हित में अनुमति दी जा सकती है.'
कांग्रेस नेता ने कहा कि शीर्ष अदालत ने एक विशिष्ट आदेश पारित किया था कि मिश्रा को और कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा, लेकिन केंद्र ने उन्हें 17 नवंबर, 2021 से 17 नवंबर, 2022 तक दूसरा विस्तार दिया, जिसके बाद उन्होंने एक याचिका दायर की जिस पर एक नोटिस जारी किया गया था. इसमें कहा गया है, 'उपरोक्त रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान, प्रतिवादी संख्या-1 ने फिर से 18 नवंबर, 2022 से 18 नवंबर, 2023 तक प्रतिवादी संख्या-2 को तीसरा सेवा विस्तार दिया, जो दर्शाता है कि प्रतिवादी संख्या-1 का कानून के शासन के प्रति कोई सम्मान नहीं है.'
न्यायमूर्ति एस के कौल ने ईडी निदेशक के लिए पांच साल तक सेवा विस्तार की अनुमति देने वाले संशोधित कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से 18 नवंबर को खुद को अलग कर लिया था. यह घटनाक्रम मिश्रा को धनशोधन रोधी एजेंसी के प्रमुख के रूप में एक साल का नया सेवा विस्तार दिए जाने के एक दिन बाद हुआ. मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं-रणदीप सिंह सुरजेवाला और जया ठाकुर, तथा तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा और साकेत गोखले द्वारा दायर याचिकाओं सहित कई याचिकाएं पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई थीं.