नई दिल्ली :उच्चतम न्यायालयने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को तीसरी बार बढ़ाने को लेकर कहा कि ईडी निदेशक का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाना कानूनी रूप से अवैध जरूर है, लेकिन कार्यकाल बढ़ाने के लिए कानूनी बदलाव वैध है. शीर्ष अदालत ने संजय मिश्र के कार्यकाल को बढ़ाने के केंद्र सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है. अब उन्हें 31 जुलाई तक ही पद पर बने रहने की अनुमति दी गई है. शीर्ष अदालत ने ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार और 2021 के केंद्रीय सतर्कता संशोधन आयोग अधिनियम 2003 में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुनाया.
न्यायमूर्ति बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "17 नवंबर 2021 और 17 नवंबर 2022 के आदेश, जिसमें प्रतिवादी संख्या 2 संजय कुमार मिश्र के कार्यकाल को एक-एक वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, को अवैध माना जाता है. प्रतिवादी संख्या संजय कुमार मिश्र को 31 जुलाई, 2023 तक पद पर बने रहने की अनुमति दी जाती है." गौरतलब है कि 8 मई को शीर्ष अदालत ने ईडी निदेशक के कार्यकाल की अवधि को बढ़ाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा था. अदालत ने केंद्र से पूछा था कि क्या एक व्यक्ति के बिना, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूरी तरह से ठप हो जाएगा?
केंद्र ने इस बात पर जोर दिया था कि मिश्र को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा चल रहे मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए कार्यकाल बढ़ाई गई थी और अदालत को सूचित किया था कि वह नवंबर 2023 से आगे पद पर बने नहीं रहेंगे. केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि एफएटीएफ द्वारा मूल्यांकन जारी थी और इसीलिए सरकार ने फैसला किया कि संजय मिश्र के पद पर बने रहने से मदद मिलेगी.
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