नई दिल्ली :तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress-TMC) की अवमानना याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई है. याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत चुनाव टालने के पक्ष में नहीं है. इस याचिका में TMC ने आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले विपक्षी दलों के खिलाफ हिंसक घटनाओं को रोकने में विफल रहने के लिए त्रिपुरा सरकार और अन्य के खिलाफ अवमानना कार्रवाई का अनुरोध किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अवमानना याचिका में वकील जयदीप गुप्ता और गोपाल शंकरनारायणन ने अदालत से 25 नवंबर को होने वाले चुनावों को स्थगित करने के अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने का अनुरोध किया.
अदालत ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनावों पर 28 जून के आदेश के तथ्य पर विचार करते हुए कि बलों को फिर से तैनात करना संभव नहीं, अदालत ने 5 चरणों में होने वाले चुनावों को पुनर्निर्धारित किया.
अदालत ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है जो आज 16:30 बजे समाप्त हो रही है. 28 नवंबर को मतों की मतगणना होनी है. ऐसे में आशंकाओं के बीच कोर्ट का विचार है कि त्रिपुरा को निर्देश जारी कर प्रशासन को उचित रूप से संबोधित किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शेष चरण के चुनाव शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से हों.
कोर्ट ने कहा कि कानून और व्यवस्था के किसी भी उल्लंघन से पूरी तरह से कानून के अनुसार निपटा जाए. पुलिस महानिरीक्षक और त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक का बयान रिकार्ड में रखा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट आदेश दिया कि (डीजीपी और आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीएफ से लिए गए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की ताकत का आकलन करने के उद्देश्य से कल सुबह तक राज्य चुनाव आयोग के साथ एक संयुक्त बैठक करेंगे.
कोर्ट ने कहा कि जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करने के बाद सीआरपीएफ या गृह मंत्रालय को मांग पत्र प्रस्तुत किया जाएगा. ऐसे किसी भी अनुरोध पर विधिवत विचार किया जाएगा ताकि शांति सुरक्षा सुनिश्चित करने और 25 नवंबर को चुनाव कराने के लिए स्थिति को ध्यान में रखा जा सके.
डीजीपी और आईजी यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएंगे कि चुनाव प्रक्रिया मतगणना तक बिना किसी व्यवधान के शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो.
चूंकि याचिकाकर्ताओं द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर गंभीर शिकायत व्यक्त की गई है, इसलिए प्रतिवादी कोमोकिन्स (comoakins) के बयान का विवरण पेश करेंगे. इसके साथ पंजीकृत प्राथमिकी और इन पर की गई कार्रवाई समेत गिरफ्तारी का एक सारणीबद्ध विवरण भी प्रस्तुत करें. सारणीबद्ध विवरण अनुपालन शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत किया जाएगा.
अदालत ने कहा कि हम चुनाव स्थगित करने की प्रार्थना को स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं. कोर्ट का मानना है कि आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी डीजीपी, आईजी और गृह मंत्रालय की है.
कोर्ट ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को गैर-आंशिक तरीके से अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए. अदालत ने कहा कि जब एक अनुपालन हलफनामा दायर किया जाता है. इसमें कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने, चुनावी प्रक्रिया को किसी भी तरह के दाग से बचाने के लिए उठाए गए कदम शामिल होने चाहिए. अदालत ने यह भी कहा कि डीजीपी को निर्देश दिया जाता है कि कोर्ट की बातों पर गंभीरता से अमल करें, जिससे कोर्ट को सख्त कदम न उठाना पड़े.
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बता दें कि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ याचिका की ने सुनवाई की. इससे पहले, TMC की तरफ से पेश अधिवक्ता अमर दवे ने कहा कि न्यायालय के 11 नवंबर के आदेश के बावजूद राज्य में स्थिति बिगड़ती जा रही है. हम उन निर्देशों को मजबूत करेंगे जो हमने पहले ही जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि आज चुनाव प्रचार समाप्त होने तक आवश्यक प्रबंध होने चाहिए. मतदान निर्बाध हो यह सुनिश्चित किया जाए.