नई दिल्ली : पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिका (Petition filed in SC on lapse in security of PM Modi) पर सुनवाई हुई. मामले में अगली सुनवाई सोमवार (10 जनवरी) को होगी. इस याचिका में मामले की गहन जांच और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो, यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब दौरे के दौरान पीएम मोदी की सुरक्षा में चुक के मामले की सुनवाई को सोमवार तक टाल दिया है. अदालत ने सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के यात्रा रिकॉर्ड को सुरक्षित और संरक्षित करने का निर्देश दिया.
वकील मनिंदर सिंह ने अदालत से कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के में चुक का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और संसदीय दायरे में आता है. घटना की पेशेवर रूप से जांच की जानी चाहिए.
वहीं, वकील संदीप सिंह के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा और आवाजाही के संबंध में प्रतिवादी संख्या 1, 2 और 3 (राज्य सरकार, मुख्य सचिव और डीजीपी) की ओर से गंभीर और जानबूझकर की गई चूक का संज्ञान लें.
अदालत ने कहा कि प्रतिवादित संख्या 2 (मुख्य सचिव) और प्रतिवादित संख्या 3 (डीजीपी) की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक रिट जारी करें या निर्देश जारी करें और उन्हें निलंबन के तहत रखें.
वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि ये सीमा पार आतंकवाद का मामला है, इसलिए एनआईए अधिकारी जांच में सहायता कर सकते हैं.
गौरतलब प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने गुरुवार को वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह के उस प्रतिवेदन पर गौर किया, जिसमें कहा गया है कि पंजाब में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में गंभीर चूक (lapse in security of PM Modi) हुई. इसकी वजह से प्रधानमंत्री के काफिले को बठिंडा में रोकना (PM convoy stopped in Bathinda) पड़ा. इसके बाद प्रधानमंत्री को पंजाब में एक रैली में शामिल हुए बगैर ही वापस दिल्ली लौटना पड़ा था.
याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया गया था, लेकिन पीठ ने इस याचिका की एक प्रति राज्य सरकार को सौंपने का निर्देश देते हुए शुक्रवार को इस पर सुनवाई करने का फैसला सुनाया था.