नई दिल्ली:न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों और माओवादियों से संदिग्ध संबंधों से जुड़े एक मामले में असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई को मंगलवार को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने हालांकि गौहाटी उच्च न्यायालय के उस फैसले को सही ठहराया जिसने मामले में गोगोई की आरोपमुक्ति को रद्द कर दिया था.
सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ काफी मुखर रहे गोगोई ने गौहाटी उच्च न्यायालय के नौ फरवरी के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें असम की विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत को उनके (गोगोई के) खिलाफ दो में से एक मामले में आरोप तय करने की अनुमति दी गई थी.
उच्च न्यायालय ने एनआईए को गोगोई और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ विशेष अदालत में सीएए विरोधी प्रदर्शनों और माओवादी से संदिग्ध संबंध को लेकर आरोप तय करने की अनुमति दी थी. उच्च न्यायालय ने एनआईए की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था, जिसमें चार लोगों को ‘क्लीन चिट’ देने वाली विशेष एनआईए अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी.