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राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाली को चुनौती देने वाली याचिका SC से खारिज, याचिकाकर्ता पर लगाया जुर्माना

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 19, 2024, 3:18 PM IST

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने की चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. Rahul Gandhi

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने वाली 7 अगस्त 2023 की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति भूषण आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने याचिका को तुच्छ बताते हुए याचिका लगाने वाले वकील पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिका से कीमती समय बर्बाद होता है. बता दें कि मोदी उपनाम से संबंधित 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने के शीर्ष अदालत के आदेश के बाद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी गई थी.शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने के लिए वकील-याचिकाकर्ता अशोक पांडे की एक समान जनहित याचिका को खारिज कर दिया था और उन पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया था. वर्तमान याचिका में पांडे ने दावा किया कि दोषसिद्धि और सजा के आधार पर अयोग्यता तब तक लागू रहेगी जब तक इसे अपील में रद्द नहीं कर दिया जाता. उन्होंने चुनाव आयोग को गांधी की सीट रिक्त होने की अधिसूचना जारी करने और वहां नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश देने की भी मांग की.

शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि प्रत्येक याचिका को कई सत्यापन अभ्यासों से गुजरना होगा. इसमें आगे कहा गया है कि वादियों को जनहित याचिका (पीआईएल) के अधिकार क्षेत्र का दुरुपयोग करने से रोकने के लिए ऐसी याचिका पर अनुकरणीय जुर्माना लगाया जाना चाहिए. पिछले साल अगस्त में, शीर्ष अदालत ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को पुनर्जीवित करने का मार्ग प्रशस्त किया था, जिसे उन्होंने 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सजा के कारण खो दिया था.

शीर्ष अदालत ने कांग्रेस नेता की सजा पर इस आधार पर रोक लगा दी थी कि ट्रायल जज यह बताने में विफल रहे कि गांधी कानून के तहत अधिकतम सजा के हकदार क्यों थे. पीठ ने कहा था कि गांधी की अयोग्यता जारी रहने से उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग संसद में उचित प्रतिनिधित्व से वंचित हो जाएंगे.

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