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कूनों में चीतों की मौत : सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- प्रतिष्ठा का विषय न बनाकर सकारात्मक कदम उठाएं

सुप्रीम कोर्ट ने कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में हो रही चीतों की मौत पर चिंता जताई है (deaths of translocated cheetah). सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या इन्हें और किसी जगह शिफ्ट नहीं किया जा सकता है.

deaths of translocated cheetah
कूनों में चीतों की मौत

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Published : Jul 20, 2023, 7:08 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को कहा कि एक साल से भी कम समय में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में लाए गए 40 प्रतिशत चीतों की मौत 'प्रोजेक्ट चीता' की 'अच्छी तस्वीर' पेश नहीं करती है. शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह जांचने का सुझाव दिया कि क्या जानवरों को विभिन्न अभयारण्यों में स्थानांतरित करना संभव है.

न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने चीतों की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाने को कहा. शीर्ष अदालत ने सरकार से एक विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा, जिसमें कारण और उठाए गए उपाय के संबंध में जानकारी मांगी.

पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि मामला क्या है, माहौल उनके अनुकूल नहीं है या कुछ और है? पीठ ने कहा कि 20 चीतों में से आठ की मौत हो चुकी है और पिछले हफ्ते दो मौतें हुई.

पीठ ने कहा कि उन्हें एक ही स्थान पर रखने के बजाय, आप उनके लिए एक या अधिक रहने की जगह क्यों नहीं बना सकते, चाहे वे किसी भी राज्य या किसी भी सरकार के अधीन हों.

भाटी ने तर्क दिया कि उच्चतम स्तर पर अधिकारियों ने इन मौतों का संज्ञान लिया है. 'यह देश के लिए एक प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट है.' भाटी ने कहा कि मौतें चिंताजनक नहीं हैं. प्रोजेक्ट के पहले वर्ष के भीतर 50 प्रतिशत तक मौतों की आशंका थी. पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि परिस्थितियां उनके अनुकूल नहीं थीं और वे कथित तौर पर सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे. बताया कि चीतों में से एक में गुर्दे की बीमारी का पता चला था.

कोर्ट ने ये दी सलाह :पीठ ने भाटी से पूछा, आप उन्हें अलग-अलग अभयारण्यों में स्थानांतरित करने की संभावना क्यों नहीं तलाशते? पीठ ने कहा कि सरकार को कुछ सकारात्मक कदम उठाने चाहिए.

...तब छह बाघों की हुई थी मौत :भाटी ने कहा कि मौत कई वजहों से हुई हैं. अन्य राज्यों में व्यवस्था करने में समस्याएं हैं. उन्होंने बताया कि राजस्थान में एक राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित होने के बाद छह बाघों की मौत हो गई थी.

वन्यजीव विशेषज्ञ एमके रंजीतसिंह की अगुवाई वाली समिति का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों के पत्र दिखाए, जिसमें सुझाव दिए गए थे, जिन पर विचार नहीं किया गया. इस पर भाटी ने कहा कि सुझावों पर विचार किया जाएगा.

रणजीतसिंह के नेतृत्व वाली समिति अदालत की सहायता कर रही है. उसने पिछले सप्ताह दो चीतों की मौत के बाद तत्काल सुनवाई के लिए अदालत का रुख किया था. समिति ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त टास्क फोर्स में चीता विशेषज्ञ नहीं हैं. दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त के लिए निर्धारित की.

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