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टिड्डी अटैक से निपटने के लिए समिति गठित करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज - locusts attack

कृषि फसलों पर टिड्डियों के आक्रमण को देखते हुए कदम उठाए जाने के लिए एक समिति गठित करने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

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Published : Jul 8, 2021, 12:02 PM IST

Updated : Jul 8, 2021, 12:15 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कृषि फसलों पर टिड्डियों के आक्रमण को देखते हुए कदम उठाए जाने के लिए एक समिति के गठन के साथ-साथ कृषि मंत्रालय को उससे निपटने के निर्देश देने की मांग की गई है.

देश के कई हिस्सों में पाकिस्तान से आए टिड्डी दलों ने आंतक मचा रखा है. इन टिड्डियों के हमलों से किसानों की फसल बर्बाद हो गई हैं. टिड्डी दलों ने अब तक राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हमला किया है, जिसके कारण अब टिड्डी दलों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है.

मामूली से कीड़े की तरह दिखने वाली इन टिड्डियों का दल बहुत ताकतवार है. यह टिड्डियां एक दिन में 150 किलोमीटर तक उड़ सकती हैं. इनकी उड़ान की रफ्तार 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है. हर एक टिड्डी दो ग्राम तक फसल को खा सकती है.

क्या हैं टिड्डियां और कहां से आईं?

पूरी दुनिया में रेगिस्तानी टिड्डी के प्रकोप से लगभग तीन करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र प्रभावित है. इतने क्षेत्र में उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी अफ्रीकन देश, अरब देशों, अरेबियन पेनिनसुला, दक्षिणी सोवियत रूस, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत सहित करीब 64 देश शामिल हैं. सामान्य दिनों में जब इनका प्रभाव कम होता है तब भी यह 30 देशों के एक करोड़ 60 लाख वर्ग किमी क्षेत्र में पाई जाती हैं.

रेगिस्तानी टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला राजस्थान के जैसलमेर में 16 मई 2019 के बाद देखा गया. उस समय यह छितरी हुई अवस्था में थी. भारत सरकार के टिड्डी नियंत्रण एवं अनुसंधान विभाग के अनुसार, मई 2019 में 246 जगहों पर सर्वे किया गया था, जिनमें से 46 स्थानों पर टिड्डी पाई गई थी. बीकानेर जिले के कुछ इलाकों में भी टिड्डी दल देखे गए थे.

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इन माध्यमों से किया जा रहा है टिड्डियों का खात्मा:

किसान खेतों से बर्तन, थाली, ढ़ोल बजाकर भगा रहे हैं टिड्डियों को.

ट्रैक्टर के माध्यम से पेस्टीसाइड का छिड़काव कर टिड्डी पर नियंत्रण .

टिड्डियों पर पेस्टीसाइड का स्प्रे करके भी मारा जा रहा है.

कल्टीवेटर के जरिए टिड्डी महकमा टिड्डियों के अंडों को खत्म कर रहा है.

इन्हें मारने के लिए टिड्डी महकमा माइक्रोनर का भी इस्तेमाल कर रहा है.

पिछले साल राजस्थान के किसानों ने डस्ट का भी उपयोग किया था.

राजस्थान सरकार ने इस साल डस्ट के माध्यम से टिड्डियों के खात्मे की मंजूरी दे दी है.

ड्रोन और हेलिकॉप्टर से दवा के छिड़काव के लिए केंद्र सरकार ने दी मंजूरी.

Last Updated : Jul 8, 2021, 12:15 PM IST

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