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बुजुर्गों संबंधी कल्याणकारी योजनाओं पर राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुजुर्गों को पेंशन के अलावा वृद्धावस्था आश्रम और बुजुर्गों की देखभाल से जुड़ी योजनाओं के बारे में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट

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Published : Oct 6, 2022, 5:30 PM IST

नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को, बुजुर्गों को पेंशन, प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम और वृद्धावस्था में देखभाल के स्तर से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस अनिरुद्ध बोस (Justices Anirudhha Bose) और जस्टिस सुधांशु धूलिया (Justices Sudhanshu Dhulia) की पीठ ने राज्यों को अपनी रिपोर्ट में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में वर्तमान स्थिति का भी खुलासा करने का निर्देश दिया है.

पीठ ने कहा, 'हम निर्देश देते हैं कि बुजुर्गों के लिए पेंशन, प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम और वृद्धावस्था देखभाल के स्तर के संबंध में बुजुर्गों के कल्याण के लिए संचालित योजनाएं हमारे सामने पेश की जानी चाहिए.' न्यायालय ने कहा, 'संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उपरोक्त तीन प्रमुख बिंदुओं पर अपनी मौजूदा योजनाओं की जानकारी भारत सरकार के एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड को सौंपे. सभी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से दो माह की अवधि के भीतर जानकारी एकत्र करने के बाद केंद्र सरकार एक माह के भीतर संशोधित स्थिति रिपोर्ट सौंपेगी.'

शीर्ष अदालत इस मामले की सुनवाई अब जनवरी 2023 में करेगी. शीर्ष अदालत देश भर में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ वृद्धाश्रम स्थापित करने संबंधी पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार (former Union Law Minister Ashwani Kumar) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उन्होंने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम, 2007 के प्रभावी कार्यान्वयन की भी मांग की है. कुमार ने अपनी जनहित याचिका में कहा था कि बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है और इनमें से ज्यादातर गरीबी में जी रहे हैं जिन्हें आवास सुविधा या उचित कपड़े और भोजन नसीब नहीं हैं.

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(पीटीआई-भाषा)

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