नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को गुरुवार को निर्देश दिया कि वह त्रिपुरा नगर निकाय चुनावों के दौरान हर मतदान केंद्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की दो अतिरिक्ति कंपनियां मुहैया कराए.
राज्य में विपक्षी तृणमूल कांग्रेस और माकपा ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ से कहा कि गुरुवार को सुबह शुरू हुए मतदान के बाद से उनके उम्मीदवारों और समर्थकों को उनके मत डालने की कथित रूप से अनुमति नहीं दी गई और कानून-व्यवस्था का गंभीर उल्लंघन हो रहा है.
पीठ ने त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और गृह सचिव को निर्देश दिए कि वे नगर निकाय चुनाव के दौरान सुरक्षा संबंधी प्रबंधों का तत्काल जायजा लें और यदि आवश्यकता हो, तो अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनी के लिए गृह मंत्रालय से मांग करें. सीएपीएफ की हर कंपनी में 100 कर्मी होते हैं.
पीठ ने त्रिपुरा राज्य निर्वाचन आयुक्त (एसईसी), डीजीपी और गृह सचिव को हर मतदान केंद्र पर पर्याप्त संख्या में सीएपीएफ कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा, ताकि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव हो सकें. अदालत ने कहा कि यदि कोई अत्यावश्यक स्थिति पैदा होती है तो प्रत्येक मतदान अधिकारी सीएपीएफ अधिकारियों की मदद ले सकता है.
न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया है कि मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, इसलिए वह नगर निकाय चुनावों के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को निर्बाध पहुंच की अनुमति दे रहा है. उसने स्पष्ट किया कि 28 नवंबर को मतगणना होने तक मतपेटियों की सुरक्षा के लिए सीएपीएफ कर्मी तैनात रहेंगे.