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SC ने टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई 9 अक्टूबर तक टाली, एपी सरकार से दस्तावेज दाखिल करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने टीडीपी नेता एन चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) की याचिका पर सुनवाई नौ अक्टूबर तक के लिए टाल दी है. शीर्ष कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से हाईकोर्ट में पेश किए गए सभी दस्तावेज रिकॉर्ड पर रखने को कहा है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

By PTI

Published : Oct 3, 2023, 3:06 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय को चुनौती देने वाली टीडीपी नेता एन चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) की याचिका पर सुनवाई नौ अक्टूबर तक के लिए टाल दी. कौशल विकास निगम घोटाला मामले में उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने की उनकी याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से मामले के संबंध में उच्च न्यायालय के समक्ष पेश की गई सभी सामग्रियों को रिकॉर्ड पर रखने को कहा.

रोहतगी ने कहा कि एफआईआर रद्द करने की नायडू की याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए क्योंकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि यह प्रावधान जुलाई 2018 में आया था, जबकि मामले की जांच 2017 में सीबीआई द्वारा शुरू की गई थी.

नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, अभिषेक सिंघवी और सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि एफआईआर में सभी आरोप राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए नायडू द्वारा लिए गए निर्णयों, निर्देशों या सिफारिशों से संबंधित हैं.

साल्वे ने कहा कि 'यह एक राजनीतिक मामले के अलावा और कुछ नहीं है और इस मामले में धारा 17ए की कठोरता लागू होगी.' लूथरा ने कहा कि '
वे उन्हें एक के बाद एक एफआईआर में फंसा रहे हैं.' और यह सत्ता परिवर्तन का स्पष्ट मामला है. पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर अगले सोमवार को सुनवाई करेगी.

73 वर्षीय नायडू को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए कौशल विकास निगम से धन का कथित दुरुपयोग करने के आरोप में 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि राज्य के खजाने को 371 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ था. ट्रायल कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 5 अक्टूबर तक बढ़ा दी है.

सीआईडी ​​ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में नायडू पर आरोप लगाया, 'धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज़ बनाने और सबूतों को नष्ट करने के अलावा सरकारी धन का धोखाधड़ी से दुरुपयोग करने या अन्यथा अपने उपयोग के लिए सरकारी धन को परिवर्तित करने, एक लोक सेवक के नियंत्रण में मौजूद संपत्ति का निपटान करने के इरादे से एक आपराधिक साजिश में शामिल हैं.'

तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख नायडू ने 23 सितंबर को शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कथित घोटाले के संबंध में उनके खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.

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