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SC ने निष्कासन के खिलाफ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई तीन जनवरी तक स्थगित की

टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई तीन जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है. महुआ ने लोकसभा से निष्कासन को चुनौती दी है. SC defers hearing on Mahua Moitras plea, Mahua Moitra expulsion, Supreme Court.

Mahua Moitra
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा

By PTI

Published : Dec 15, 2023, 3:15 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा से निष्कासन को चुनौती देने वाली तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को अगले साल तीन जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी.

लोकसभा में आचार समिति की रिपोर्ट को मंजूर किए जाने के बाद गत सोमवार को तृणमूल नेता को सदन से निष्कासित कर दिया गया. इसके विरोध में मोइत्रा ने शीर्ष अदालत का रुख किया है. आचार समिति की रिपोर्ट में मोइत्रा को 'पैसे लेकर सवाल पूछने' के मामले में 'अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण' का जिम्मेदार ठहराया गया था.

मामले की सुनवाई शुरू होते ही न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने मोइत्रा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी को बताया कि उसने मामले की फाइल नहीं देखी है और पीठ सर्दियों की छुट्टियों के बाद इस पर सुनवाई करना चाहती है जो तीन जनवरी को समाप्त होंगी.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आठ दिसंबर को लोकसभा में हंगामेदार चर्चा के बाद मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया था जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. चर्चा में मोइत्रा को खुद का पक्ष रखने का मौका नहीं मिला था.

जोशी ने कहा था कि आचार समिति ने मोइत्रा को 'अनैतिक आचरण' और सदन की अवमानना का दोषी पाया है क्योंकि उन्होंने लोकसभा सदस्यों के पोर्टल की 'यूजर आईडी' और 'पासवर्ड' अनधिकृत लोगों के साथ साझा किया, जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ा है. इससे पहले, आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने मोइत्रा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत पर समिति की पहली रिपोर्ट सदन में पेश की थी.

ये है मामला : निशिकांत दुबे ने अक्टूबर में उच्चतम न्यायालय के वकील जय अनंत देहाद्रई की एक शिकायत के आधार पर आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने उद्योगपति गौतम अडाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार के बदले में लोकसभा में सवाल पूछे थे.

हीरानंदानी ने 19 अक्टूबर को आचार समिति को दिए एक हलफनामे में दावा किया था कि मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यों की वेबसाइट के लिए उन्हें अपना 'लॉग-इन आईडी' और पासवर्ड दिया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले में पहले ही प्रारंभिक प्राथमिकी दर्ज कर चुका है.

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