नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा से निष्कासन को चुनौती देने वाली तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को अगले साल तीन जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी.
लोकसभा में आचार समिति की रिपोर्ट को मंजूर किए जाने के बाद गत सोमवार को तृणमूल नेता को सदन से निष्कासित कर दिया गया. इसके विरोध में मोइत्रा ने शीर्ष अदालत का रुख किया है. आचार समिति की रिपोर्ट में मोइत्रा को 'पैसे लेकर सवाल पूछने' के मामले में 'अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण' का जिम्मेदार ठहराया गया था.
मामले की सुनवाई शुरू होते ही न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने मोइत्रा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी को बताया कि उसने मामले की फाइल नहीं देखी है और पीठ सर्दियों की छुट्टियों के बाद इस पर सुनवाई करना चाहती है जो तीन जनवरी को समाप्त होंगी.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आठ दिसंबर को लोकसभा में हंगामेदार चर्चा के बाद मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया था जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. चर्चा में मोइत्रा को खुद का पक्ष रखने का मौका नहीं मिला था.