नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को बीजेपी सांसद मनोज तिवारी (BJP MP Manoj Tiwari) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली में पटाखों पर लगाई गई पूर्ण पाबंदी पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी (plea challenging Delhi govt decision to ban firecrackers). न्यायमूर्ति एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 'जश्न मनाने के और भी तरीके हैं' लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने दें. पीठ ने कहा अपना पैसा मिठाई पर खर्च करें.
तिवारी के अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने दलील दी कि पराली जलाने से भी प्रदूषण बढ़ रहा है. लेकिन पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई बाद में करेगी. तिवारी ने कहा कि जनता के हितों की रक्षा के लिए याचिका दायर की गई थी, जिन्हें दीपावली मनाने से रोका जा रहा है, जो हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है.
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने राजधानी में एक जनवरी 2023 तक तत्काल प्रभाव से सभी तरह के पटाखों के भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. सरकार का फैसला न केवल अभिव्यक्ति और रोजगार की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19), लोगों के जीवन के अधिकार (अनुच्छेद 21) का उल्लंघन करता है, बल्कि अंतरात्मा की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) को भी सीमित करता है. याचिका में पटाखों को बेचने, खरीदने या फोड़ने के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
हाईकोर्ट से याचिका खारिज :उधर,दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.