नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने एक बार फिर कहा कि सार्वजनिक सड़कों पर आवाजाही को रोका नहीं जा सकता है.
न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि किसानों द्वारा सड़कों को अवरुद्ध करने और यात्रियों के लिए असुविधा पैदा करने का समाधान, केंद्र और राज्य सरकारें ही कर सकती हैं.
दरअसल, नोएडा निवासी याचिकाकर्ता ने कहा है कि सड़कों पर अवरोध के कारण ट्रैफिक बढ़ गया है और नोएडा से दिल्ली जाने में 20 मिनट की जगह दो घंटे लग जाते हैं.
यूपी सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह किसानों को समझाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है और वर्तमान में यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग पर काम किया जा रहा है.
इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों पर यातायात को बाधित नहीं किया जा सकता है.
अदालत ने सरकार को समाधान खोजने के लिए 20 सितंबर तक का और समय दिया, ताकि लोगों को परेशानी न हो.