नई दिल्ली : मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court collegium) ने गुरुवार को उच्च न्यायालय के सात न्यायाधीशों को देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है. इस लिस्ट में गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति निखिल एस कारियल का नाम शामिल नहीं है.
न्यायमूर्ति कारियल के पटना उच्च न्यायालय में प्रस्तावित स्थानांतरण की मीडिया में आई खबरों के बाद गुजरात उच्च न्यायालय में वकीलों ने विरोध शुरू कर दिया था. बाद में बार नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीजेआई से मुलाकात की थी, जिन्होंने दावा किया था कि इस मामले को देखा जाएगा.
कॉलेजियम में जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एस ए नज़ीर भी शामिल हैं. शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों के सात न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की है. जिन सात न्यायाधीशों को स्थानांतरित करने की मांग की सिफारिश की गई है उनमें मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी एम वेलुमणि शामिल हैं. वह कलकत्ता उच्च न्यायालय में शामिल होंगे.
जस्टिस बट्टू देवानंद को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट से मद्रास हाई कोर्ट भेजा गया है. न्यायमूर्ति डी रमेश को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया है, जबकि न्यायमूर्ति ललिता कन्नेगंती को तेलंगाना उच्च न्यायालय से कर्नाटक उच्च न्यायालय भेजा गया है. न्यायमूर्ति डी नागार्जुन को तेलंगाना उच्च न्यायालय से मद्रास उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि न्यायमूर्ति टी राजा को मद्रास उच्च न्यायालय से राजस्थान उच्च न्यायालय भेजा गया है. न्यायमूर्ति ए अभिषेक रेड्डी का तेलंगाना उच्च न्यायालय से पटना उच्च न्यायालय में तबादला कर दिया गया है. तेलंगाना उच्च न्यायालय के वकीलों ने भी न्यायमूर्ति रेड्डी के प्रस्तावित स्थानांतरण का विरोध किया था और बाद में बार नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीजेआई से मुलाकात की थी.