नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग, सीनियर एडवोकेट और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के अलावा कई याचिकाकर्ताओं के एक विशेषज्ञ समूह के गठन पर अपना सुझाव मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने ये सुझाव अगले 7 दिनों के भीतर देने को कहा है. ये समूह इस बात की भी जांच करेगा कि चुनाव से पहले बांटे जाने वाले मुफ्त के गिफ्ट (रेवड़ियों) को कैसे नियंत्रित किया जाए इस पर सुप्रीम कोर्ट ने एक रिपोर्ट मांगी है. मामले की फिर से 8 अगस्त को सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त में दी जाने वाली चीजों को कैसे नियंत्रित किया जाए. इस पर सुझाव देने के लिए नीति आयोग, वित्त आयोग, सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों, आरबीआई और अन्य हितधारकों से मिलकर एक शीर्ष निकाय की आवश्यकता है.
सीजेआई एनवी रमना (CJI NV Ramana), न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी (Justice Krishna Murari) और न्यायमूर्ति हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) की पीठ भाजपा सदस्य और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय (advocate Ashwini Upadhyay) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने अपने चुनावी घोषणापत्र में मुफ्त की पेशकश करने वाले राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा कि इससे राज्य कर्ज में डूबे हैं.