नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से एक जनवरी, 1966 से 25 मार्च, 1971 के दौरान असम में बांग्लादेशी शरणार्थियों को दी गयी नागरिकता के आंकड़ें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने राज्य सरकार को 11 दिसंबर तक एक हलफनामा दाखिल करने के लिए केंद्र को आंकड़ें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
पीठ असम में गैरकानूनी शरणार्थियों से जुड़ी नागरिकता कानून की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता के अध्ययन का अनुरोध करने वाली 17 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं. उसने केंद्र से देश में विशेषरूप से पूर्वोत्तर राज्यों में अवैध प्रवासन से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा.
न्यायालय ने कहा, 'हमारा यह मानना है कि केंद्र सरकार को न्यायालय को आंकड़ों पर आधारित जानकारी देना आवश्यक होगा. हम सोमवार को या उससे पहले अदालत को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं.' उसने कहा कि केंद्र के हलफनामे में एक जनवरी, 1966 से 25 मार्च, 1971 के बीच पड़ोसी देश से भारत में विस्थापित हुए लोगों की संख्या को ध्यान में रखते हुए बांग्लादेश के उन शरणार्थियों की संख्या का जिक्र होना चाहिए जिन्हें कानून की धारा 6ए के तहत भारतीय नागरिकता दी गयी.